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भावांतर योजना क्या हैं,गडबड़ी पर क्या होगी कार्रवाई...

भावांतर योजना क्या है..

किसानों को MSP का फायदा दिला ने  के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित महात्वाकांक्षी योजना जिसमें, किसानों को मॉडल रेट से एमएसपी की अंतर राशि किसानों के खाते में भेजी जाती है..

भावांतर योजना के तहत किसान को कैसे मिलेगा फायदा. 



मंडी बकस्वाहा में भावांतर योजना के तहत व्यापक फर्जीवाड़ा,

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कर्मचारी - व्यापारियों की मिलीभगत से लूप होल का सहारा लेकर योजना को लगा रहे चपत

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बकस्वाहा। बीते 24 अक्टूबर से प्रदेश भर में भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत किसानों की सोयाबीन की खरीदी की जा रही है लेकिन इसी के साथ शासन की इस योजना में चपत लगाने की खबरें भी सामने आ रही है। व्यापारी ,मंडी अधिकारी कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर किसानों का पंजीयन खरीदते है और फर्जी डॉक लगाकर अपने ही मॉल को खरीदी दिखाते है इसके साथ ही प्रवेश पर्ची, किसान दस्तखत पंजी, डॉक नीलामी, निकासी, सभी प्रक्रियाओं में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है । मंडी सहायक उपनिरीक्षक की मिलीभगत से व्यापारी मंडी में फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं।

*न तो एफ ए क्यू सैंपलिंग, कार्टेल बनाकर करते है शोषण*

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योजना अंतर्गत खरीदी के एक माह बीत जाने के बाद भी बकस्वाहा मंडी प्रांगण में न तो एफ ए क्यू सैंपलिंग की व्यवस्था है और न तो कार्टेल व्यवस्था पर रोकथाम जिससे व्यापारी आपस में गुट बनाकर कम भाव लगाते है जिससे किसान का शोषण हो रहा हैं 

कैरवारा गांव से योजना अंतर्गत सोयाबीन विक्रय करने आए किसान कोमल सिंह लोधी ने बताया कि जब वह विक्रय करने पहुंचा तो न तो उससे कृषक प्रवेश हस्ताक्षर पंजी पर हस्ताक्षर कराए, फिर करीब ढाई घंटे इंतजार करने के बाद दो व्यापारियों को बुलवाया गया। उन्होंने किसान की 3785 रूपये डॉक बोली तो ASI परसादी अहिरवार बोले कि व्यापारी ने डॉक मॉडल भाव से कम की लगाई है तो उसे भावांतर योजना का फायदा नहीं मिलेगा उसे सिर्फ 3785 रूपये दिया जाएगा। उसे भावांतर का लाभ न देने की बात कहकर भगा दिया।
 

*मंडी के पास नहीं है तौल कांटे, व्यापारी के निजी कांटे से हो रही तौले*

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खरीदी के समय मंडी के अधिकृत तौल कांटे उपलब्ध नहीं कराए जाते कर्मचारी व्यापारियों के निजी कांटे से तौल कराते है जिससे गड़बड़ी की आशंका बनी हुई हैं।


*रिसाइकिल करके बार बार दिखा रहे खरीदी*

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योजना अंतर्गत खरीदी में फर्जीवाड़ा कर फायदा उठाने के उद्देश्य से मंडी अधिकारी और व्यापारी आपसी मिलीभगत कर व्यापारी के मॉल को ही बार बार रिसाइकिल करके खरीदी दिखा रहे है।


इनका कहना 
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जब इस संबंध में जानकारी लेने के लिए मंडी सचिव जी एल अहिरवार से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।



  प्रथम दृष्टया अनियमितता पाए जाने पर सहायक उप निरीक्षक पर कार्यवाही..

इसी के बाद योजना में प्रथम दृष्टया लापरवाही पाए जाने पर परसादी अहिरवार को छतरपुर अटैच कर दिया गया है. 

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