मैहर की देवी मां शारदा सबसे पहले किसको दिखी थी। Maihar ma sharda
आप मैहर की देवी मां शारदा के बारे तो अवश्य ही जानते होगे। लेकिन क्या आप यह जानते है कि मैहर की देवी मां शारदा सबसे पहले किसको दिखी थी।
आइए आज हम आपको इस कहानी के बारे मे जानते है कि मैहर की देवी मां शारदा सबसे पहले किसको दिखी थी।
तो चलते है
➤कहानी ➤
उस कहानी के अंदर 200 साल पहले मैंहर मै राजा दुर्जन सिंह राज करते थे ।
उन्ही के राज्य में एक ग्वाल रहता था जो गायो को चराता था वह ग्वाला अपनी सभी गायो को चराने के लिए उस जंगल में स्थित पहाडी पर ले जाया करता था। एक दिन उसने देखा की अचानक दोपहर के समय रात्री जैसा अंधेरा हो गया।
वह ग्वाला अपनी सभी गायो को लेकर उस पहाडी से निकालने लगा। तभी उसने देखा की उसकी सभी गायों के साथ एक सुनहरी चल रही है जैसे ही वह अपनी सभी गायो के लेकर उस जंगल की पहाड़ी से लेकर नीचे आया तो उसने देखा की वह सुनहरी गाय अचानक लुप्त हो गयी।
दूसरे दिन ग्वाला फिर अपनी सभी गायों को लेकर चराने के लिए जंगल की पहाड़ी पर गया और कुछ देर पुनः उसने देखा की वही सुनहरी गाय ग्वाले की गाय से साथ घास चर रही है ग्वाले ने सोचा की आज में इस सुनहरी का पीछा करूगा अखिर यह कहा गायव हो जाती है।
शाम होते है सभी गाय पहाडी से नीचे की ओर जाने लगी तभी ग्वाले ने देखा की वह सुनहरी गाय पहाडी पर चोटी पर जाने लगी ग्वाला भी उस सुनहरी गाय का पीछा करते करते उसके पीछे चला गया और उसने देखा की वह सुनहरी गाय एक गुफा में चली गयी ग्वाला भी उस गाय के पीछे पीछे उस गुफा के अंदर चला गया गुफा के अंदर ग्वाले को एक बूढ़ी मां दिखाई दी ग्वाले ने बूढी मां से बोला माई मैं आपकी इस सुनहरी गाय को चराता हू इसलिए मुझे पेट के लिए कुछ मिल जाऐगा। बूढी मां अंदर से लकड़ी के सूपे मै जौ रखकर लाई और गठरी मे बाध कर उस ग्वाले को दे दिये। ग्वाले ने जब घर जाकर उस गठरी को खोला तो उस गठरी सोना चांदी हीरे जवाहरात और काफीसारे आभूषण निकले ।
ग्वाले ने यह बात राजा दुर्जन सिंह को बताई राजा दुर्जन सिंह ने अगले ही दिन उस जंगल की पहाड़ी पर जाने का ऐलान किया । और जब राजा दुर्जन सिंह रात्री में सो रहे थे
तो राजा को ग्वाले द्वारा बताई उस बूडी मां के दर्शन हूऐ और राजा को अभास हुआ की वह बूडी मां कोई और नही स्वयं मां शारदा ही है।





H na jkannn