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Bhagwan Shiva भगवान शिव का अलौकिक सौन्दर्य 2022

Bhagwan Shiv  भगवान शिव  का अलौकिक सौन्दर्य 2022








क्या आप भगवान शिव के अलौकिक सौन्दर्य के बारे मै जानते है ? 

ऐसा सौन्दर्य जिसको देखकर देवी देवता भी आश्चर्य चकित हो गये।  ऐसा सौन्दर्य जिसको आज तक किसी ने भी नही देखा। जिस सौन्दर्य का दर्शन कुछ देवी देवता ही कुछ समय के लिये ही कर पाये आईये जानते है
 भगवान शिव के उस अलौकिक सौन्दर्य के वारे मे जिस सौन्दर्य के पीछे सृष्टि की सुन्दरता भी फिकी पड गई आइए जानते हैं 

➤  कहानी  ➤

भगवान गणेश कई दिनो से किसी बात को लेकर चिंतित थे। वह किसी को भी अपनी चिंता का कारण नहीं बताना चाहते थे परन्तु जब भगवान शिव ने उन्हे चिंतत देखा तब भगवान शिव वोले प्रिय गणेश तुम किस बात को लेकर इतने चिंतित हो मुझे बताओ मै तुम्हारी चिंता का कारण जानकर उसे दुर करने का प्रयास करूगा और तब गणेश जी व्यकुल हो उठे और वोले पिताजी मै आपसे कुछ मागना चहता हू। शिवजी ने कहा बोलो क्या मागना चाहते हो तब भगवान गणेश बोले पिताजी मैं आपके शरीर पर लिप्त भस्म के अंदर क्षुपे उस सौंदर्य को देखने चाहता हू जिस सौन्दर्य का दर्शन स्वयं मेरी मां ने भी नही किया।



 भगवान शिव गणेश जी के कहने पर उस भस्म के अंदर क्षुपे सौदर्य को दिखाने के लिए तैयार हो गये। जब इस बात की भनक तीनो लोको मे स्थित समस्त देवी देवताओ को लगी तो सभी भगवान शिव के रूप सौदर्य का दर्शन करने के लिए कैलास पर्वत पर पहुचे।



 भगवान शंकर ने भष्म को हटाने के लिऐ अपनी जटाओ को खोला जैसे ही भगवान शंकर ने जटाओ को खोला तो जटाओ से जल बहाना प्ररंभ हो गया और जब शंकर भगवान न जटाओ को खोला तो जटाओ से निकले जल का कुछ भाग भगवान शिवजी के शरीर पर गिरा जिससे भगवान शंकर के शरीर पर लिप्त भष्म हट गयी और जैसे ही शरीर से भष्म हटी


भगवान शभू का ऐसा आलौकिक सौन्दर्य सामने आया जिसके सामने समस्त सृष्टि का सौन्दर्य भी फिका पड़ जाये। भगवान शंकर का रूप सौन्दर्य देखकर सभी देवी देवता चकित हो गये। भगवान गणेश भी


अपने पिता का स्वरूप देखकर आश्चर्य चकित हुऐ और भगवान शंकर से क्षमा मागते हुए बोले पिताजी मुझे क्षमा करिये मैं चाहता हू  की आप अपने पूर्व स्वरूप को पुनः धारण कर ले। 

क्योकी मै अपको अपनी मां से भी अत्यधिक सुंदर नही देखना चहता भगवान शंकर गणेश जी बात को सुनकर मुस्कुराये और उन्होंने अपनी जटाओ को पुनः बाध लिया और अपने पूर्व स्वरूप को पुनः धारण कर लिया।

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