थम नही रहा अवैध उत्खनन और परिवहन |
आखिरकार किसके संरक्षण में फल-फूल रहा यह व्यापार |
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| Lok samiksha news |
मड़ियादौ/- दमोह जिले के तहसील हटा अंतर्गत आने वाली सबसे बड़ी ग्राम पंचायत मड़ियादौ में अवैध खनन और परिवहन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। खनन माफिया बेखौफ होकर मड़ियादौ से लगे वन परिक्षेत्र और राजस्व विभाग की भूमि का सीना छल्ली करते रहते हैं लेकिन जिम्मेदार आला अफसर जानकर भी अनजान बने हुऐ हैं, वह केवल और केवल मूकदर्शक बने हुऐ हैं, ऐसा प्रतीत होता है मानो जैसे अफसरो को न तो कुछ दिखाई देता है और न ही कुछ सुनाई देता है।
अवैध खनन और परिवहन का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। माफियाओं के दर्जनों ट्रैक्टर रोजाना बिना किसी डर के पत्थर तुड़वा रहे है और ढोने में लगे हुए हैं। चाहे बात वनविभाग की जमीन की हो, चाहे राजस्व की जमीन की हो माफियाओं द्वारा चारों तरफ पत्थर से लेकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है और लगातार दिन दहाड़े परिवहन भी हो रहा है। यहॉं तक कि माफियाओं ने तो मड़ियादौ से लगे हुऐ नदी और नालों को भी नहीं छोड़ा। नदीनालों में पानी नही होने के कारण वहॉं पर पत्थरों की चट्टाने साफ-साफ दिखाई देने लगी है, जिससे अब माफियाओं की नजर नदी-नालों पर भी लग चुकी है। मड़ियादौ से लगे हुए नाले का जो कि सुंदरता के लिए जाना जाता है लेकिन भूमाफिया और अधिकारी कर्मचारी की मिलीभगत से नदी नालों की सुंदरता भी बिगड़ती जा रही है। मड़ियादौ की इंदिरा आवास कॉलोनी से लगे हुऐ कुंडा नाले पर सुबह से लेकर शाम तक पत्थर निकाले जाते हैं और दिनदहाडे ही ट्रैक्टर के माध्यम से बेरोटोक पत्थर उठवा लिए जाते हैं।
खनन माफिया जिस तरह से अवैध उत्खनन और परिवहन को अंजाम दे रहे हैं, मानो इन्हें रोकने वाला कोई भी नहीं है। इस स्थान से मात्र कुछ ही दूरी पर पन्ना टाईगर रिजर्व रेंज कार्यालय, पुलिस थाना, वन विभाग चौकी, तहसील कार्यालय और ग्राम पंचायत भवन स्थित हैं, लेकिन माफियाओं को रोकने का साहस कोई भी आला अधिकारी कर्मचारियों द्वारा नहीं उठाया जाता है। पिछले 1 वर्ष से ये अवैध उत्खनन और परिवहन का कार्य चल रहा है लेकिन किसी भी अधिकारी कर्मचारियों द्वारा कोई सुध नहीं ली जा रही है। मड़ियादौ से लेकर जिले के समस्त संबंधित विभागों के उच्च्अधिकारी कर्मचारियों, जिला प्रशासन और सभी राजनैतिक लोगों को पता होने के बाद भी भूमाफियाओं के द्वारा किये जा रहे अवैध उत्खनन को रोका नही जा रहा है जिससे माफियाओं के हौसले और अधिक बुलंद होते जा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है जैसे ये पूरा कारोबार नीचे से लेकर उपर तक सभी की मिलीभगत से चल रहा है, क्यों कि रोक-टोक नहीं होने से उनकी जेबें भी गरम हो रही हैं। आपको बता दें कि खनन माफियाओं ने जगह.जगह अपने आदमी खड़े किए हुऐ हैं जो होने वाली हर गतिविधि की जानकारी अपने आकाओं को देकर बचने में कामयाब हो रहे हैं। विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते जल्द ही यह अवैध खनन किसी बड़ी तबाही को अंजाम दे सकती है।
वनविभाग और राजस्व द्वारा उक्त जगहों पर हो रहे अवैध खनन को अपने विभाग की संपत्त् िनहीं होने का दावा करके अपना-अपना पल्ला झाड़ दिया जाता है। अब बात समझ से परे है कि जब उक्त् जमीन न तो वनविभाग की है और न ही राजस्व विभाग की तो फिर ये जमीन जहॉं पर दिन-दहाड़े अवैध खनन और परिवहन हो रहा है आखिरकार किस विभाग की जमीन है, जब कि बीते दो वर्ष पूर्व टाईगर रिजर्व, वनविभाग और राजस्व के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा अपनी-अपनी जमीन का सीमांकन कर लिया गया था, फिर भी जबाब में हमेशा यही बोला जाता है कि उक्त जमीन हमारे विभाग की नहीं है।
मामला संज्ञान मे आया हैं,शीघ्र ही करवाही की जाएगी।
मेजर सिंह (खनिज अधिकारी)
तहसीलदार मडियादो मंडल से इस संबंध में बात करनी चाही तो उन का कॉल रिसीव नही हुआ।ओर संपर्क नहीं हो पाया।


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