*शांति समिति की बैठक बनी सिर्फ औपचारिकता*
नही हुई कोई खास व्यवस्था*
*मड़ियादौ*/— आगामी त्यौहार के मद्धेनजर सभी थाना चौकियों सहित आला अफसरों को शांति से त्यौहार मनाए जाने हेतु विशेष दिशा—निर्देश शासन द्वारा जारी किये थे, जिसके तहत् जिले के प्रत्येक थाना चौकियों में शांति समिति की बैठक आयोजित की गईं थी। इसी तारतम्य में दिनॉंक 24 सितम्बर को थाना मड़ियादौ में भी बैठक का आयोजन किया गया था, जहां पर मड़ियादौ के गणमान्यों सहित जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही और बैठक में विभिन्न प्रकार के निर्णय समिति द्वारा लिये गये थे।
जिसमें ग्राम में साफ—सफाई, ग्राम के पोल खंबों में लाईट व्यवस्था, पालतू सुअर की परेशानी से निजात, आवारा पशुओं के मुख्य सड़कों पर खुले में बैठने से निजात इत्यादि विषयों पर चर्चा हुई थी, यहॉं तक कि मंदिर में सीसीटीव्ही कैमरे लगाकर निगरानी किये जाने की बात सामने आई थी।
शांति समिति की बैठक में आसानी से यह कह दिया गया था कि क्षेत्र में त्यौहार शांति से मनया जायेगा और पर्व के दौरान क्षेत्र में शराबखोरी बंद कराने की बात भी सामने आई थी, लेकिन पर्व के दौरान शांति हो इसके लिए प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाये गये, उस पर ध्यान नहीं दिया गया और यदि ध्यान दिया गया होता तो इस पर भी चर्चा होती।
पर्व के दौरान न तो पंचायत द्वारा कोई साफ—सफाई की व्यवस्था कराई गई और न ही आवारा पशुओं को यहॉं वहॉ पर भटकना बंद कराया गया। ग्रामीण क्षेत्र महिला पुरूष के साथ बच्चे भी मातारानी व जगह—जगह पंडालों में विराजी मातारानी के दर्शन हेतु भ्रमण करते हैं तो सभी को यह डर बना रहता है कि आवारा पशुओं द्वारा उन्हें कोई हानि न हो जाये। पालतू सुअरों के यहॉं वहॉं भटकने से भी जगह जगह गंदगी बनी रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं कराई गई, किसी भी खंबे में लाईट नही लगाई गई, समूचे ग्राम में कहीं भी लाईट की व्यवस्था नहीं की गई। दुर्गा समितियों के सदस्यों ने नाम न छापने पर बताया कि उन्होने स्वयं व पैसे खर्च करके साफ—सफाई कराई है व साथ ही लाईट की व्यवस्था भी समिति के द्वारा की गई है। पंचायत द्वारा नवरात्रि पर्व के दौरान पंचमी तक जोगीडाबर नाले के पास लगे हुए गंदगी कूड़े कचरे के ढेर की साफ सफाई भी नही कराई गई, ज्ञातव्य हो कि जोगीडाबर नाले में ग्राम की समस्त दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। मंदिरों में भीड़—भाड़ होने के कारण लोगों को कीमती सामान चोरी होने का डर भी बना रहता है, वहॉं पर पुलिस चौकसी के साथ महिला आरक्षकी की ड्यूटी लगाना अतिआवश्यक हो गया है, जिससे दर्शन करने जा रही माता—बहिनों की सुरक्षा भी बनी रहे। साथ् ही साथ भारी वाहनों की आवाजाही पर भी रोक नहीं लगाई जा रही, पर्व के दौरान भी भारी वाहन निकल रहे हैं, जो कि तेज हॉर्न का उपयोग करते हैं जिसको दुरउपयोग करके वह हॉर्न बजाते रहते हैं और ध्वनि प्रदूषण के साथ—साथ धूल भी उड़ा रहे हैं। हाल ही में मड़ियादौ में एक विक्षिप्त आवारा व्यक्ति घूम रहा है जो कि अपने सिर पर जली हुई अगरबत्त्यिां लगा लेता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में डर का माहौल बना हुआ है, वह महिलाओं व बच्चों से पैसे बसूलता है। बाजार मे भी विक्षिप्त व्यक्ति द्वारा बसों में आने—जाने वाले राहगीर व विद्यालय के छात्र—छात्राओं से पैसे मंगाने का मामला भी सामने आया लेकिन प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोई उचित कार्यवाही नही की गई। आशा है कि शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु शीघ्र ही उचित कदम शासन—्प्रशासन द्वारा उठाये जायेगें।
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