खुले कच्चे कैप पर सड रही धान, लाखों का नुकसान
टीन शेड में हो रही थ्रेसिंग, कुछ शेड चल रहे किराये पर
खुले कच्चे कैप में पडी पांच हजार मीटिक टन धान।
हटा /दमोह
लोक समीक्षा ब्यूरो - दमोह
संवाददाता - समग्र पाण्डेय
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लोक समीक्षा :- हटा |
नागरिक अपूर्ति निगम के निर्देशन पर म.प्र. वेयर हाऊसिंग कारर्पोरेशन के माध्यम से श्री शुभम लाजिस्टिक कंपनी के द्वारा हटा मंडी परिसर में धान संग्रह का अनुबंध हुआ, कंपनी के द्वारा मंडी प्रशासन से मंडी के टीन शेड की मांग की गई, मंडी प्रशासन ने मात्र कंपनी को तीन टीन शेड उपलब्ध करायें, शेष के लिए मंडी परिसर में ही चबूतरा बनाकर धान रखने की अनुमति दे दी, खाली पडे अन्य शेड के लिए मंडी प्रशासन ने कंपनी मैनेजर से यह कह दिया कि हमें रिजर्व रखना पडता है,
कंपनी के द्वारा मंडी परिसर में चबूतरा निर्माण के मापदण्डों को दरकिनारे करते हुए मात्र नौ नौ इंच ऊंचाई की ईटें रखकर कच्चा चबूतरों का निर्माण कर दिया एवं उसी पर खुले कैप तैयार कर दिया, कंपनी का अनुमान था कि धान बरसात के पहले ही उठ जायेगी, लेकिन ऐसा हो न सका, मंडी परिसर में 49 खुले कच्चे कैप में 5250 मी ट्रिक टन धान रखा गया, बडी मुश्किल से पांच कैप की धान का परिवाहन हुआ, शेष आज भी मंडी परिसर में पडा है,
अतिवृष्टि एवं रख रखाव में की गई अनियमिताओं के चलते आज कई टन धान खराब हो गई है और होती जा रही है, अभी भी इसका परिवाहन नहीं किया जा रहा है, कुछ स्थानों पर अभी भी पानी भरा हुआ है,
श्री शुभम लाजिस्टिक कंपनी के मैनेजर रोशन कोरी ने बताया कि मंडी से सारे टीन शेड एवं चबूतरा की मांग की गई थी लेकिन मंडी प्रशासन ने मात्र तीन शेड उपलब्ध कराये, सरकार की नीति के अनुसार कच्चे कैप की धान पहले उठना चाहिए जिसे अभी तक नहीं उठाया जा रहा है, इसी कारण यह नुकसान हो रहा है,
नरेन्द्र पटैल, श्री साहू, प्रहलाद विश्वकर्मा ने बताया कि हटा मंडी में न तो डाक नीलामी होती है न ही यहां किसानों को कोई सुविधा मिल रही है, यहां के टीन शेड में कभी थ्रेसिंग होने लगती है तो कभी किराये पर दे दिया जाता है, जिस अनाज को सुरक्षित रखना चाहिए उसे बाहर सडने के लिए छोड दिया जाता है,।
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