वृक्षारोपण का महाअभियान
बने जनांदोलन: मुख्यमंत्री
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सीएस की अध्यक्षता में वीसी के माध्यम से हुई बैठक।
विजय कुमार निगम, लखनऊ। लोक समीक्षा ग्लोबल न्यूज।
प्रदेश सरकार के सौ दिन पूरे होने केअवसर पर वन महोत्सव के तहत 35करोड़ वृक्षारोपण कार्यक्रम के सम्बंधमें मुख्य सचिव की अध्यक्षता मेंसचिव की अध्यक्षता मेंवीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक सम्पन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि पर्यावरण को बचाने की प्रतिबद्धता की पहल में वन महोत्सव कार्यक्रम सरकार का एक बड़ा महत्वपूर्ण उत्सव है। मुख्यमंत्री की अपेक्षा है कि 5 जुलाई को यह महाभियान जनांदोलन बने। मुख्यमंत्री स्वयं चित्रकूट में वृक्षारोपण करेंगे। राज्यपाल महोदया लखनऊ रहेंगी। इसकेसाथ ही प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम क्रमशः प्रयागराज और अयोध्या में वृक्षारोपण करेंगे। उन्होंने अभियान पर अब तक की तैयारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि पांच जुलाई को हर व्यक्ति वृक्षारोपण करता दिखेगा। आप सबका उत्साह देखकर लगता है कि सबके सामूहिक प्रयास से हम अपने निर्धारित 35 करोड़
वृक्षारोपण के लक्ष्य से अधिक को प्राप्त करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा स्पष्ट निर्देश दिये गये है कि रोपित पौधों की सुरक्षा एवं सिंचाई व्यवस्था
सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया जाये। इसके साथ ही समस्त वृक्षारोपण स्थलों की जियो टैगिंग भी
की जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि वृक्षारोपण कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार हो ।
सभी नोडल अधिकारियों की देखरेख में कार्यक्रम की तैयारी, चयनित स्थल पर स्थानीय मृदा जलवायु के अनुरूप प्रजातियों का चयन एवं पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु समुचित तैयारियां ससमय पूर्ण कर ली जाए। इसके लिए नोडल ऑफिसर द्वारा
प्रतिदिन माइक्रो लेवल पर रिव्यू जरूरी है। मुख्य सचिव
ने कहा कि शक्ति वन निर्माण में महिलाओं का अधिक से अधिक सहयोग लिया जाए।
प्राचीन काल से ही आदि शक्ति की उपासना में नीम के
पेड़ का बड़ा महत्व है, नीम के के पेड़ के इर्दगिर्द लाल और पीले फूल के पेड़ लगाए जाएं। रामायणकालीन से जुड़े स्थलों में राम वन, महाभारतकालीन स्थलों पर राधा
वन, कृष्ण वन विकसित किए जाएं। इसी प्रकार से काशी में महादेव, विश्वनाथ वन, महोबा में शारदा के
परम उपासक आल्हा ऊदल की स्मृति में उनके नाम से वन विकसित किए जाएं। नगर वन, बाल और युवा वन
निर्माण में बड़े पैमाने पर बच्चों और युवाओं के सहयोग से निर्मित किया जाए जिससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति
युवा पीढ़ी का रुझान बढ़े।
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