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#जर्मनी की 1871 की ग्रह नीति
बिस्मार्क की गृह नीति:-
सन 1871 से 18 90 तक जर्मनी तथा यूरोप में बिस्मार्क का युग रहा है। बिस्मार्क ने जर्मन प्रदेश बाजार मन जनता को एक नवीन स्वतंत्र,संगठन राष्ट्र के रूप में संगठित कर दिया।उसके प्रबल शत्रु ऑस्ट्रिया और ट्रांस पराजित हो चुके थे रूस की ओर से आक्रमण की आशंका नहीं थी, इटली शक्तिहीन था।अतः बिस्मार्क ने जर्मनी के राजनीतिक और आर्थिक उन्नति और संपन्न देश बनाने का संकल्प लिया। इस एम इस मार्ग की गृह नीति के नाम से जाना जाता।
सन 1871 का नवीन संविधान।
जर्मनी की गृह नीति का महत्वपूर्ण 18 71के नवीन संविधान ने निभाई।
सन 18 सो 70 में जर्मनी एक संघ राज्य था परंतु अब एक निरंकुश सम्राट के अधीन एक साम्राज्य बनाया गया।
जिसके लिए सन 18 71 में नवीन संविधान का निर्माण किया गया।यह निम्नलिखित प्रमुख भागों में बांटा था।
सम्राट
बिस्मार्क प्रजातंत्र का गणतंत्र में विश्वास नहीं रखता था वह शासक की प्रबुद्ध निरंकुशता में विश्वास रखता था, आता नवीन संविधान में सम्राट को सर्वोच्च वा सर्वोपरि अधिकारी रखा।
:- सम्राट।
इस नवीन संविधान में सम्राट के कुछ अधिकार निश्चित किए गए थे।
सम्राट ।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति व मंत्रियों की नियुक्ति विदेशी राजदूतों का स्वागत युद्ध का प्रारंभ या समाप्ति का निर्णय विधानसभा का अधिवेशन बुलाना या भंग करना,
उसके निर्णय को मानने या ना मानने को स्वतंत्र होना।
:-प्रधानमंत्री।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति सम्राट के द्वारा की जाती है तथा सम्राट के प्रति उत्तरदाई होता है। अपर हाउस का चेयरमैन होता है वह दोनों हाउसों में बैठ सकता है भाषण दे सकता है ,मतदान कर सकता है।
:-व्यवस्थापिका सभा।
इसमें दो सदन थे।
1 साम्राज्य परिषद
2 लोकसभा
:-साम्राज्य परिषद।
एस के अधिवेशन गुप्त होते थे इस में मतदान प्रतिनिधि अपने राजाओं के अनुसार करते थे, प्रजातंत्र का इसमें अभाव था, यही सदन संविधान में संशोधन कर सकता था। यह ऑडिट , सदन बजट का निर्माण सम्राट को युद्ध के घोषणा की आज्ञा, तथा रीश्टाग को भंग करने की आज्ञा देता था।
:-लोकसभा।
इसका निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होता था इसमें 397 प्रतिनिधि थे। विधायक प्रारंभ में इसी सदन में रखे जाते थे इसके पश्चात साम्राज्य परिषद में जाते थे। लोकसभा विधेयक को पारित नहीं करता था।
धन संबंधी विधेयक को सदन को पूरा करने का अधिकार था।
:-न्यायपालिका।
जर्मन साम्राज्य में संघीय सर्वोच्च न्यायपालिका थी। देशद्रोह के मुकदमे तथा राज्यों की अपील भी सुप्रीम कोर्ट में जाती थी
:-आंतरिक समस्या।
:-बिस्मार्क के सम्मुख सर्वप्रथम समस्या फ्रांस के आक्रमण की थी।
:-बिस्मार्क की के सम्मुख वित्तीय समस्याअल्पसंख्यक जातियों की थी जो फ्रांस को अपना देश उपरांत सम्राट को अपना सम्राट नहीं मानती थी।
:-बिस्मार्क के सम्मुख तृतीय समस्या थी प्रशासन में विभिन्नता व असमानता।
इन समस्याओं के निराकरण के लिए विश्व मार्क निर्णय में नीतियां बनाई और हल करने की कोशिश की।
:-जर्मनी का सैनीकी करण।
जर्मनी की सैनिक शक्ति व क्षमता बढ़ाने के लिए बिस्मार्क ने सैनिक सेवा को अनिवार्य कर दिया। बिस्मार्क को पुनः संगठित ससस्त्र संपन्न बनाया गया और नवीन सुधार किए गए।
सैनिकों की संख्या चार लाख करने का निर्णय लिया गया।
:-अल्पसंख्यकों की संस्कृतियों का दमन।
बिस्मार्क ने अल्पसंख्यकों की संस्कृति व सभ्यता में परिवर्तन कर उसे जर्मन की वातावरण में ढालने का प्रयास किया।
:-प्रशासनिक एकता स्थापित करना ।
बिस्मार्क ने मुद्रा बैंकिंग रेलवे खदान न्याय उद्योग कृषि तथा व्यापार आदि के लिए साम्राज्य में समान व्यवस्था स्थापित कर एकता और समृद्धि के सूत्र में बांधने का प्रयास किया।
:-विरोधियों का दमन।
बिस्मार्क ने राष्ट्रीय विरोधियों के दमन की नीति का पालन किया जिसमें उसने चर्च वा समाजवादियों का दमन किया तथा यहूदियों का भी दमन किया।
:- बिस्मार्क।
बिस्मार्क के चर्च के साथ संघर्ष को कुल्टरकांफ कहते हैं। बिस्मार्क चर्च के प्रति है अहिष्णु नहीं था परंतु फिर भी उसने कैथोलिक चर्च का दमन किया। क्योंकि कैथोलिक जर्मनी के एकीकरण के विरोधी थे तथा तथा बाधक में स्वदेशी व विदेशी शक्तियों का समर्थन करते थे।
:-समाजवाद और बिस्मार्क।
सभी समाजवादी जर्मनी केबिस्मार्क की राष्ट्रवादी राजतंत्र वाली तथा निरंकुश सत्ता के विरोधी थे।बिस्मार्क प्रजातंत्र को घृणा की दृष्टि से देखता था अतः में संघर्ष उत्पन्न होने लगे।
:-सफल सामाजिक कानून।
समाजवादी दमन के लिए बिस्मार्क ने जहां एक बाइक और दमन चक्र का प्रयोग किया वही उद्योग व श्रमिकों के स्थिति में सुधार के लिए रचनात्मक कार्यक्रम अपनाया।
जिससे देश की उन्नति के साथ-साथ समाजवादियों का विकास हो।
जिससे श्रमिकों का समाजवादियों के प्रति आकर्षण कम हो गया।
:-आर्थिक नीति ।
जर्मनी कृषि और उद्योग को सुधारने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए तथा विदेशी प्रतियोगिता से बचाने के लिए बिस्मार्क ने संरक्षण नीति का प्रयोग किया
इसके अतिरिक्त चुंगी केंद्र कर कम कर दिए विदेशी आयात पर भारी कर लगा दिए। इसके लिए यातायात बैंकिंग प्रणाली डाक प्रणाली में सुधार किया गया।
:-गृह नीति का मूल्यांकन
इतिहासकारों की आलोचना के अतिरिक्त इतिहासकारों ने इसके सामाजिक आर्थिक नीति। और संविधान ने जर्मनी को शक्तिशाली बनाया ।

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