छतरपुर जिले की बिजावर जनपद में धरमपुरा पंचायत के भ्रष्टाचार की जांच की मांग पर लीपापोती
16 निर्माणकार्यों की जांच में पौने 10 लाख का घोटाला हुआ उजागर!
लोक समीक्षा ।- छतरपुर
संवाददाता-सोनू रिछारिया
बिजावर। जनपद पंचायत बिजावर के अंतर्गत ग्राम पंचायत धरमपुरा एक ऐसी पंचायत है जहां 16 निर्माणकार्यों में 9 लाख 85 हजार रुपए का घोटाला किया गया। इस घोटाले को जांच समिति ने उजागर भी किया और सरपंच, सचिव से रिकव्हरी के भी आदेश जारी हुए लेकिन आज तक न तो रिकव्हरी हो सकी और न ही किसी प्रकार की कार्यवाही। कुल मिलाकर निर्माणकार्यों में हुए भ्रष्टाचार में जांच के नाम पर लीपापोती कर दी गई। अधिकारी अपनी आंखों में काला चश्मा लगाए बैठे हुए हैं। पूर्व में ग्राम पंचायत पतरा में एक खेत तालाब में भी भ्रष्टाचार किया गया था, सीईओ के द्वारा धारा 40 एवं 92 की कार्यवाही की गई लेकिन धरमपुरा पंचायत में कोई कार्यवाही नहीं हुई। यहां भ्रष्टाचार एक शिष्टाचार में बदल गया है। जनपद सीईओ द्वारा पूर्व में एक प्रतिवेदन जिला कलेक्टर और जिला सीईओ के पास भेजा गया लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति कर दी गई। इतनी बड़ी राशि का घोटाला उजागर होने के बाद भी कोई कार्यवाही न किया जाना प्रशासनिक कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। हालांकि तत्कालीन सीईओ प्रशिक्षण पर गए हुए हैं और उनके स्थान पर राजनगर के सीईओ मजहर अली कार्यभार देख रहे हैं। उनका कहना है कि मुझे धरमपुरा पंचायत के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है और मैं इस संबंध में कल ही जांच समिति गठित कर जांच कराऊंगा।
सरपंच-सचिव की मिलीभगत से हुआ घोटाला
धरमपुरा पंचायत में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा ही लांघ दी गई है। यहां कोई सुनने वाला नहीं है। सरपंच-सचिव एवं उपयंत्री की मिलीभगत से बिना निर्माण कार्य के लाखों रुपए निकाल लिए गए। जो भ्रष्ट सचिव थे उनके विरुद्ध कार्यवाही के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी की गई। जबकि पीएम आवास घोटाला, कपिल धारा कूप घोटाला, खेत तालाब घोटाला, सार्वजनिक शौचालय घोटाला, नाली निर्माण घोटाला, सीसी रोड घोटाला आदि शामिल हैं। पंचायत में घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं लेिकन मामा के राज में इन भ्रष्टाचारियों पर पर्दा डाला जा रहा है।
इनका कहना है
मैंने अभी कुछ दिनों पूर्व ही चार्ज लिया था, मेरी जानकारी में यह बात आई है कि दोषियों को नोटिस जारी किये गये हैं और उनसे वसूली की जाएगी। मैं शीघ्र ही धरमपुरा पंचायत के निर्माणकार्यों की जांच करूंगी और जो घोटाला उजागर हुआ है उसकी वसूली सरपंच-सचिव एवं उपयंत्री से की जाएगी।


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