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ba2yearpaper1question economics

ba 2 year paper 1economics

quick master study materia

==}What is the national income?

==}राष्ट्रीय आय क्या है?

राष्ट्रीय आय किसी अवधि विशेष में किसी देश की सीमाओं के अंदर उत्पन्न समस्त वस्तुओं सेवाओं की मौद्रिक मूल्य कि वह मात्रा है जो 2 बार गिने बिना मापी जाती है। राष्ट्रीय आय को राष्ट्रीय लाभांश या राष्ट्रीय उत्पाद के नाम से भी जाना जाता है।

राष्ट्रीय आय की अवधारणा समष्ठी अर्थशास्त्र से संबंधित है इसके अंतर्गत समग्र राष्ट्र की आय की माप की जाती है।

मार्शल के द्वारा राष्ट्रीय आय की परिभाषा।?

प्रसिद्ध नवप्रतिष्ठित अर्थशास्त्री मार्शल ने राष्ट्रीय आय की परिभाषा देते हुए कहा है कि "किसी देश का श्रम व पूंजी उस देश की प्राकृतिक संसाधनों पर कार्य करते हुए प्रत्येक वर्ष भौतिक और अभौतिक वस्तुओं का तथा सभी सेवाओं का एक विशुद्ध योग उत्पन्न करते हैं। यही उस देश की वार्षिक विशुद्ध आय या आगम या राष्ट्रीय लाभांश कहलाता है।"

                         @Alfred मार्शल साहब

मार्शल की परिभाषा की विशेषताएं लिखिए?

:- प्रसिद्ध नव प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री मार्शल द्वारा बताए गए राष्ट्रीय आय की परिभाषा की विशेषताएं निम्न है।

:-  राष्ट्रीय आय की गणना प्राया वार्षिक आधार पर की गई है।

:- इस परिभाषा के अनुसार कल राष्ट्रीय उत्पत्ति में से टूट-फूट या  मूल्यह्रास को निकाल दिया जाता है।

:- जिसके अनुसार विदेशी विनियोग से प्राप्त आय को उक्त में जोड़ दिया जाता है।

:- मार्शल के द्वारा दी गई राष्ट्रीय आय की परिभाषा में उन्होंने राष्ट्रीय आय की गणना कुल उत्पादन पर ना करके शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन पर की है।

:- मार्शल के अनुसार किसी देश कि किसी वर्ष की राष्ट्रीय आय उस वर्ष की उस देश की उत्पादन ही होती है।

:- वे सभी सेवाएं जो व्यक्ति बिना किसी पारिश्रमिक के अपने परिवार के सदस्यों के लिए करता है उन्हें राष्ट्रीय आय में नहीं जोड़ा जाना चाहिए। 

:- कोई व्यक्ति सार्वजनिक संपत्ति से जो लाभ प्राप्त करता है उसे राष्ट्रीय आय में नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

:- प्रसिद्ध अर्थशास्त्री पीगु द्वारा दी गई राष्ट्रीय आय की परिभाषा की वर्णन कीजिए?

:- प्रसिद्ध अर्थशास्त्री पीगू के अनुसार राष्ट्रीय आय समाज की वह वस्तुगत आय है जिसे मुद्रा या द्रव्य में मापा जा सकता है ,एवम् जिसमे विदेशों से प्राप्त आय शामिल हो।

 पीगू ने अपनी परिभाषा में  केवल मुद्रा के मापदंड से मापी जा सकने वाली समस्त वस्तुओं एवं सेवाओं को सम्मिलित किया है।

 :-संक्षेप में = राष्ट्रीय आय = मौद्रिक आय + विदेशो मे विनियोग  से प्राप्त आय ।

                               @ पीगूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूू  सर















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