पैगम्बर मुहम्मद साहब का जन्म 570 ईस्वी में हुआ था।
इस्लाम की उत्पत्ति ६१० ईस्वी से मानी जाती है।
हजरत मुहम्मद साहब ने अपनी हज यात्रा 622 ईस्वी में की थी तभी से हिजरी सन् की शुरूआत मानी जाती हैं । हिजरी संवत एक इस्लामिक कैलेंडर है ।
632 ईस्वी में पैगम्बर मुुुुुहम्मद साहब की मौत हो जाती हैं ।
पैगम्बर मुहम्मद की मौत के बाद इस्लाम केे प्रचार प्रसार के लिए खलीफा नामक पद बनाया जाता हैं । यह इस्लाम धर्म का सबसे उंचा पद हैं।
खलीफा के आधार पर ही इस्लाम का दों भागों मे विभाजन हो जाता है यह दो शाखाऐं है शिया और सुन्नी ।
शिया इस्लाम धर्म की वह शाखा है जो अपना पहला खलीफा माैलाना अली को मानतें हैं मौलाना अली हजरत मुहम्मद साहब की सबसे छोटी बेटी फातिमा के पति है ।
एक और अन्य शाखा जिसे सुन्नी कहा जाता हैं उसमेंं विश्वास रखने वाले अबु बकर को अपना पहला खलीफा मानते हैं। और अबु बकर के बाद उमर और फिर बाद में उस्मान ने् खलीफा का पद सम्हाला ।
1924 में तुर्की से खलीफा के पद काे बिट्रिसर्स के द्वारा समाप्त कर दिया गया था ।
इस्लाम के पांच विंदु कुछ इस प्रकार है .
- रमजान नें रोजा रखा था
- जकात
- नमाज
- जीवन में एक वार हज यात्रा
- कलमें में विश्वास
भारत के अंदर खलीफा उमर के द्वारा ६३६ दूत भारत मे भेेेजा जाता हैं लेकिन वह प्रचार प्रसार में विफल हो जाता है ।
अरब के अंदर एक फारस नामक स्थान था जहां का राजा खलीफा अलवालिद ने अहजहाज को घोषित किया गया था ।
708 ईस्वी मे अलहजाज श्रीलंका पर कब्जा कर लेता है ।
710 ईस्वी में अलहजाज का एक व्यापारिक जहाज श्रीलंका से फारस जा रहा होता हैं लेकिन
यह देवल बंंदरगाह पर लूट लिया जाता हैं । देवल बंदरगाह उस समय सिंध के अधीन आता था और सिंध भारत के अधीन और वहां के राजा थे राजा दाहिर । राजा दाहिर एक ब्रा्हण बंशीय राजा थें ।
अलजहाज आरेाप दाहिर पर लगाता है लेकिन दाहिर मना कर देता हैं । बदले की भावना से दाहिर पर अलहजाज 710 एडी में अटैक करवाता हैं और यह आक्रमण उभयदुल्लाह के द्वारा करवाता हैं यह उभयदुल्लाह के द्वारा दूसरा आक्रमण कराया जाता है इसके पहले इसने 708 में आक्रमण करा था तब दाहिर ने उसे जिंदा छोड दिया था लेकिन दूसरे आक्रमण में इसे मार दिया जाता है ।
तब दाहिर पर आक्रमण करने के लिए अलहजाज अपने सबसे काबिल सिपाही मौहम्मद विन कासिम को भारत पर आक्रमण करने के लिए भेजा जाता है। और इसका यह 711 का हमला सफल होता है जाे भारत पर सफल मुस्लिम आक्रमण कहलाता है ।
दाहिर के पिता के नाम पर एक किताब लिखी गई थी जिसका नाम था चचनामा इसका ट्रांसलेसन अली अहमद ने अरबी में और अबूू बकर कुफी ने फारसी मे किया था।
( मुुहम्मद विन कासिम का भारत आक्रमण
राजा दाहिर पर इसके द्वारा पहला आक्रमण 711 एडी मे देवल बंदरगाह पर किया जाता है।
युद्ध की रण्नीति के लिए राजा दाहिर रावर चला जाता है और वहां कासिम पहुंच जाता है और उस पर अटैक कर देता है।
712 मे रावर मे रात काेे राजा दाहिर और मुहम्मद विन कासिम के बीच युद्ध होता है जिसमें राजा दाहिर मारे जाते हैं और भारत में पहली बार मुस्लिम साम्रा्रा्ज्य की स्थापना की जाती है
इसके बाद कासिम 713 मे मुल्तान पर आक्रमण करता हैं और मुल्तान से सर्वाधिक सोना लूटा और उसने मुल्तान को सोने के शहर का नाम दिया था।
भारत में अरब आक्रमण का प्रभाव
- भारत में पहली वार मुस्लिम वंश की स्थापना की गई थी
- भारत में पहली वार अरबी सिक्कें दिरहम चलाऐ गऐं
- भारत में पहली वार मुहम्मद विन कासिम कें समय जजिया कर लगाया गया था। भारत मेंं जजिया कर लगाने वाला पहला व्यक्ति था।
- मुहम्मद विन कासिम नें लोंगो केे सामने दो शर्ते रखीं थी या तों इस्लाम स्वीकार करों या तेा जजिया दाें।
- इसकें समय उंंट पालन
- खजूर खेती
- मानचित्र यात्रा शुरू हुई
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सांस्क परिवर्तन
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