रसायन विज्ञान | chemistry
रसायन विज्ञान के जनक - लेवोजियर
केमिस्ट्री शब्द की उत्पत्ति मिस्र के कीमिया शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है काली मिट्टी।
केमिस्ट्री शब्द मिश्र देश की उत्पत्ति है ।
➡️ इलेक्ट्रॉन की खोज सर जे . जे . थोमशन ने की ।
➡️ प्रोटॉन की खोज सर गोल्डस्टीन ने की थी ।
➡️ न्यूट्रॉन की खोज चैडविक ने की ।
➡️ परमाणु मॉडल की खोज - रदरफोर्ड
➡️ नाभिक की खोज - रदरफोर्ड
➡️ न्यूक्लियान में दो कण होते है न्यूट्रॉन , प्रोटॉन
➡️ नाभिक उदासीन होता है , इस पर कोई आवेश नही होता है ।
➡️ प्रोटॉन पर धनावेश तथा इलेक्ट्रॉन पर ऋणावेश होता है ।
➡️ न्यूट्रॉन पर कोई भी आवेश नही होता है ।
अतः - नाभिक का धनावेश प्रोटॉन के कारण होता है ।
➡️ इलेक्ट्रॉन नाभिक के बाहर परमाणु में एक निश्चित कक्षा में गति करते है |
➡️ इलेक्ट्रॉन का अपनी निश्चित कक्षा में गति करना , इलेक्ट्रॉन का प्रोटॉन के साथ आकर्षण के कारण है ।
➡️ रसायन विज्ञान को विज्ञानों का भी विज्ञान कहा जाता है ।
➡️ रसायनशास्त्र विभिन्न पदार्थों के पारस्परिक संबंध व उनकी क्रियाविधि का अध्यन है ।
↪️ संसार के वे सभी पदार्थ जो स्थान घेरते है तथा उनमें भार होता है , द्रव्य या पदार्थ कहलाते है ।
➡️ प्रकाश स्थान तो घेरता है , परन्तु पदार्थ नही होता है ।
➡️ अप्फा प्रकीर्णन की खोज रदरफोर्ड ने की थी ।
इलेक्ट्रॉन यदि अपनी निश्चित कक्षा में गति करते है तो वे ऊर्जा का ना तो उत्सर्जन करते है और ना ही अवशोषण करते है ।
इलेक्ट्रॉन यदि निम्न कक्षा से उच्च कक्षा में जाता है तो ऊर्जा को ग्रहण करता है ।
➡️ इलेक्ट्रॉन यदि उच्च कक्षा से निम्न कक्षा में जाता है तो ऊर्जा जो का ह्रास करता है ।
➡️ परमाणु की त्रिज्या एमगस्ट्रॉम में नापते है ।
➡️ नाभिक की त्रिज्या फर्मी में नापते है ।
➡️ जॉन डाल्टन के पहले परमांणु मॉडल की शुभकानाए।
➡️ बोर - बरी ने कक्षा में इलेक्ट्रॉन को भरने के लिए कौन सा फॉर्मूला दिया ।
2N^2
इसके अनुसार पहली कक्षा में 2, दूसरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन , तथा तीसरी कक्षा में 18 इलेक्ट्रॉन तथा चतुर्थ कक्षा में 32 इलेक्ट्रॉन होते है ।
पदार्थ का वर्गीकरण -
भौतिक आधार पर -
भौतिक आधार पर पदार्थ को तीन भागों में बांटते है|
1 . ठोस - आकार , आयतन निश्चित
2. द्रव्य-
आयतन निश्चित , आकार अनिश्चित
3 . द्रव्य -
आकर , आयतन दोनो अनिश्चित
घनत्व - ठोस > द्रव > गैस
आण्विक आकर्षण बल - ठोस > द्रव > गैस
प्रसार Expantion - ठोस < द्रव < गैस
विसरण Diffusion - ठोस < द्रव < गैस
गतिज ऊर्जा - ठोस < द्रव < गैस
अंतरांविक स्थान - ठोस < द्रव < गैस
पदार्थ की अन्य दो नई अवस्थाएं |
प्लाजमा - पदार्थ की चौथी अवस्था प्लाज्मा होती है इसमें उच्च ताप पर पर परमाणु आयनित होकर गैसीय अवस्था में आ जाते है । इसमें कण अति ऊर्जावान तथा आयनीत होते है । सूर्य तथा तारो में ईंधन प्लाज्मा अवस्था के कारण होता है ।
बोस आइंस्टीन -
यह पदार्थ की पांचवी अवस्था है ।
तत्व - यह समान परमाणु से मिलकर बना होता है यह तीन प्रकार के होते है ।
1. धातु - इसमें धारा प्रवाहित होती है ।
जैसे - लोहा , कॉपर
2. अधातु - इसमे धारा प्रवाहित नही होती है ।
जैसे - गैस , कार्बन
3. अर्धचालक / उपधातु - इसमें सीमित मात्रा में धारा प्रवाहित होती है इसलिए इन्हे अर्धचालक कहते है ।
जैसे - सिलिकॉन , जर्मेनियम
यौगिक ➡️ यह दो या अधिक तत्वों का निश्चित अनुपात में मिलाने से बनता है इसका निश्चित सूत्र होता है ।
यौगिक के प्रकार -
1. कार्बनिक यौगिक
2. अकार्बनिक यौगिक
➡️ इन यौगिको में कार्बन अनिवार्य रूप से तत्व होता है ।
CH4 , co2
➡️ इन यौगिक में कार्बन अनिवार्य यौगिक nhi होता है ।
H2O , fe 2o3
मिश्रण - दो या दो से अधिक पदार्थ का किसी भी अनुपात में मिलाना मिश्रण कहलाता है ।
इसके भी दो प्रकार होते है ।
सामांगी मिश्रण - वह मिश्रण जिसमे अवयव दिखाई नही सामांगी मिश्रण कहलाते है । हर एक अंश का गुणधर्म समान होता है।
विषमांगी मिश्रण - वह मिश्रण जिसमे अवयव स्पष्ट दिखाई देते है विषमांगी मिश्रण कहलाते है । इसमें प्रत्येक अंश का गुणधर्म समान नही होता है ।
विषमांग मिश्रण को समांगी मिश्रण बनाने के लिए जलीय विलयन बनाया जाता है ।
अलग - अलग धातुओं को गर्म करके उनका विलयन बनाकर मिला देना मिश्र धातु कहलाता है ।
अतः मिश्र धातु एक सामंग मिश्रण है ।
क्लास 2
परमाणु संरचना
परमाणु छोटे से छोटे कणों से मिलकर बना होता है ।
भारत - कनाण नामक विद्वान ने
व्यापक रूप से - जॉन डाल्टन ने की थी ।
एटम ATOM शब्द जॉन डाल्टन ने दिया जिसका अर्थ होता है अविभाज्य ।
आधुनिक समय में डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत को काट कर परमाणु को परमाणविक कणों ( इलेक्ट्रॉन , प्रोटॉन , न्यूट्रॉन , पोसिट्रॉन , न्यूट्रिनो , मेसान , पाईमेंसान ।
स्थाई मूल कण - इलेक्ट्रॉम , प्रोटॉन , न्यूट्रॉन
अस्थाई मूल कण - पोजिट्रॉन , न्यूट्रिनो , एंटीनेयूट्रिनो , मेसान इत्यादि ।
दो स्वभाव से बिल्कुल विपरीत कणों को प्रतिकण कहा जाता है । आपस में टकराकर ये एक दूसरे को नस्ट कर देता है ।
समस्थानिक -
किसी तत्व के ऐसे परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान लेकिन परमाणु भार भिन्न भिन्न होता है समस्थानिक कहलाते है । हाइट्रोजन के तीन संस्थानिक होते है
प्रोटियम - H
ड्यूटिरियम - H
ट्राइटियम - H
इसमें ट्राइटियम सबसे खतरनाक एवम रेडियोएक्टिव तत्व है ।
किसी किसी परमाणु मैं यदि टो टर्न ओं की संख्या से न्यूट्रॉन की संख्या डेढ़ गुनी या डेढ़ गुने से भी ज्यादा है तो वह परमाणु रेडियो एक्टिव परमाणु होंगे।
समस्थानिको का उपयोग बहुतायत में किया जाता है , जैसे कि कार्बन के दो समस्थानिक हैं c 12 तथा c 14 इसमें c 14 समस्थानिक का उपयोग जीवाश्म की आयु का पता लगाने में किया जाता है।
ठीक इसी प्रकार यूरेनियम के भी दो समस्थानिक हैं U 232 तथा U 235 इसमें uranium-235 नामक समस्थानिक का उपयोग चट्टानों की आयु का पता लगाने में किया जाता है।
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