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बिजावर कृषि मंडी में खाद के लाईन में खड़े किसान की मौत, आप नेता अमित भटनागर ने लगाए प्रशासन पर लापरवाही के आरोप।

प्रशासनिक लापरवाही ने ली किसान की जान :अमित भटनागर
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बिजावर, छतरपुर// बिजावर कृषि मंडी में सुबह 9:00 बजे से खाद के लिए लाइन में लगे 40 वर्षीय किसान ने हार्डअटैक के कारण सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र बिजावर में दम तोड़ दिया। आम आदमी पार्टी नेता अमित भटनागर ने प्रशासनिक लापरवाही को किसान की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए मृतक के परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और 1 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की है। इस दौरान बिजावर वार्ड नं 09 से पार्षद कुमारी दिव्या अहिरवार ने इस घटना को दुःखद बताते हुए सम्वेदना व्यक्त की है।
 गौरतलब है कि तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर के ग्राम बक्सवाहा के 40 वर्षीय किसान दयाराम अहिरवार खाद के लिए बिजावर कृषि मंडी में पिछले कुछ दिनों से चक्कर लगा रहे थे। आज सुबह 9:00 बजे से लाईन में लगे थे, अचानक 2:30 बजे उनकी तबीयत खराब हुई जिसके बाद उन्हें बिजावर हॉस्पिटल ले जाया गया। बिजावर सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच के बाद माइनर हार्ड अटैक बताते हुए उन्हें छतरपुर रैफर करते हुए एंबुलेंस बुलाई लेकिन इसी बीच किसान ने बिजावर हॉस्पिटल में ही दम तोड़ दिया। मृतक के परिजनों ने आप नेता अमित भटनागर को घटना की जानकारी दे जिससे वे तुरंत हॉस्पिटल पहुंचे और उन्होंने सारी स्थिति का जायजा लेते हुए, इसे प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुई मौत ठहराया। अमित भटनागर ने स्थानीय प्रशासन के कुप्रबंधन की पोल खोलते हुए बताया कि, मंडी में ना तो पीने के पानी की कोई व्यवस्था है, एक टैंकर पिछले कई दिन से वहां खड़ा हुआ है जिसमें कचरे से भरा सड़ा पानी है, जिसका वीडियो भी अमित भटनागर ने सार्वजनिक किया जिसमें टैंकर में जंग लगा पानी और कचरा नजर आ रहा है, अमित भटनागर ने स्थानीय प्रशासन पर मनमानी के आरोप लगाए और कहा कि पिछले कई समय से उनके द्वारा इस तरह की लापरवाही की जानकारी बिजावर एसडीएम सहित प्रशासन को दी जा रही है, जिस पर प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया उसी का परिणीति है, एक मासूम किसान की मृत्यु। अमित ने आरोप लगाया कि रसूखदार लोगों को तुरंत खाद मिल जाती है रात में यहां से नेताओं और दलालों के वाहन खाद भर भर के ले जाते हैं वही किसान को एक बोरी खाद के लिए कई दिन चक्कर लगवाए जाते हैं। इतने महंगे डीजल से जुताई करने के बाद भी किसान को सरकार न तो लाईट दे पा रही है न खाद। किसान मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं उसके बाद भी जब किसान को खाद नहीं मिलती है तो किसान को आघात पड़ना स्वभाविक है। 
किसान दयाराम अहिरवार की मौत पर उन्होंने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि, दयाराम अहिरवार की उम्र 40 साल है उसे पहले से कोई भी बीमारी नहीं थी, उसकी जान सरकार की लापरवाही व प्रशासनिक कुप्रबंधन का नतीजा है, उनके परिवार में 3 बच्चियां और दो बच्चे हैं उसके परिवार की देखरेख कौन करेगा क्योंकि यह मृत्यु नहीं प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुई हत्या है, इसलिए इसका खामियाजा सरकार को भुगतना चाहिए और उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मांग करती है कि दयाराम जी के परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए साथ ही उन्होंने कहा कि अगर भाजपा की शिवराज सरकार अपने इस कुप्रबंधन से बाज नहीं आती है तो आम आदमी पार्टी को मजबूर होकर एक बड़ा आंदोलन छेड़ना पड़ेगा।
अमित भटनागर का कहना था कि जब सरकार को कृषि रखवा और कितनी खाद लगेगी इसकी जानकारी पहले से होती है, तो अपने आप को किसान पुत्र कहने वाले शिवराज सिंह चौहान की सरकार पहले से क्यो खाद की व्यवस्था नहीं करती है। एक तो खाद किस्तों में दी जाती है ऊपर से जो खाद आती है, वह खाद ब्लैक कर दी जाती है जिसे व्यापारी भी मनमाने रेट पर किसानों को बेचते हैं। इसके बाद बाजार में खूब नकली खाद भी होती है।थोड़ी सी खाद किसानों को मिलती है, वह किसानों को ऐसे तड़पा तड़पा कर दी जाती है कि उसके इंतजार में किसान की जान तक चली जाए।

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