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हम संघर्ष नहीं चाहते मनमानी से बाज आये प्रशासन : अमित भटनागर

 प्रकाशन 06/04/2022


प्रशासन की मनमानी के खिलाफ केन बेतवा लिंक प्रभावितों ने खोला मोर्चा बोलो नहीं चलेगी मनमानी।


हम संघर्ष नहीं चाहते मनमानी से बाज आये प्रशासन : अमित भटनागर 





अधिसूचना 60 दिन हो गए सरपंच और जनप्रतिनिधियों तक को नहीं है जानकारी

अमित भटनागर

किशनगढ़, छतरपुर//

 केन वेतवा लिंक परियोजना प्रभावितों ने स्थानीय प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया। लिंक प्रभावित सभी 15 गांव के लोगों ने सामाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर की अगुवाई में ग्राम कदवारा में बैठक कर प्रशासन की मनमानी के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए मोर्चा खोल दिया है। कदवारा में गौशाला के पास इकठ्ठा हुए प्रभवितों ने प्रशासन की मनमानी नही चलेगी, हम अपना अधिकार मांगते नही किसी से भीख माँगते आदि नारे लगा अपना आक्रोश व्यक्त किया। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिसूचना 31 जनवरी को जारी हो चुकी है इसके बाद लगभग 45 दिन बाद किसी माध्यम से उन्हें जानकारी हुई तो प्रभावितों ने अनुविभागीय अधिकारी बिजावर जो कि उक्त परियोजना के भू-अर्जन अधिकारी भी हैं उनसे मुलाकात कर जमीनी अमले की मनमानी की शिकायत की तो अपने जमीनी हमले की मनमानी पर रोक लगाने की अपेक्षा उल्टा ग्रामीणों पर ही भड़कने लगे। अधिसूचना के नोटिस में स्पष्ट उल्लेख है कि भूमि का नक्शा एवं प्लान का निरीक्षण अनुविभागीय अधिकारी एवं भू अर्जन अधिकारी बिजावर के कार्यालय में किया जा सकता है इसके बाद भी नक्सा और प्लान सम्बंधित कोई जानकारी नही दी जा रही। ग्रामीणों द्वारा कई बार निवेदन करने और कहने पर विभागीय अधिकारी 3 अप्रैल रविवार को गांव में गए, सारे गांव के लोग इंतजार कर रहे थे पर विभागीय अधिकारी सिर्फ कुपी और शाहपुरा ही गए और उन्होंने ग्रामीणों को विस्थापन और पुनर्वास सम्बन्धी कोई जानकारी तक नहीं दी।

कदवारा के 75 वर्षीय तुलसी यादव, पाठापुर के 80 वर्षीय बारेलाल राजगोंड आदिवासी डुगरिया के 70 वर्षीय रूपा बंजारा आदि कई प्रभावितों का दंश उनके आसुंओ के रूप में झलक आया इनका कहना था कि प्रशासन की मनमानी यहां चरम पर है, ग्राम सभाओं के नाम पर सिर्फ कागजी खाना पूर्ती होती है, वर्षों बाद किसी तरह से सड़क, बिजली, पानी की बुनियादी सुविधाएं प्राप्त कर पाए है, हमने वर्षों की कड़ी मेहनत कर अपने रहने के लिए घर व खेत बना पाए है, इतने कठिन जीवन के बाद जब हम किसी तरह से अब कुछ व्यवस्थित हो पाए है तब सरकार हमें उजाड़ने जा रही है, हमसे राय लेना तो दूर, हमे जानकारी तक नही दी जा रही, स्थानीय प्रशासन को महामहिम राजपाल और कलेक्टर महोदय के आदेश से जारी नोटिस तक चिपकाने में कष्ट होता है।  

     गौरतलब है कि सरकार केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को सरकार की अनुमति के बाद भूमि अर्जुन का कार्य "भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013" के अनुसार प्रारंभ हो गया है, जिसकी अधिसूचना महामहिम राजपाल के नाम से आदेशानुसार कलेक्टर छतरपुर संदीप जी.आर. के के द्वारा 31 जनवरी 2022 को जारी की गयी समाजिक कार्यकर्ता व उक्त कानून के जानकार अमित भटनागर के अनुसार प्रारंभिक अधिसूचना के तत्काल बाद ग्राम सभा का आयोजन किया जाना अनिर्वाय है। आदिवासी बाहुल्य ग्रामीणों की राय लेना तो दूर प्रारंभिक अधिसूचना की जानकारी तक प्रभावितों को नहीं दी गई है। प्रशासन ने फर्जी तरीके से ग्रामसभा आयोजित करा ली हैं जिसकी जानकारी आम लोगों को तो दूर वहां के सरपंच आदि जनप्रतिनिधियों तक को नहीं दी गई है, जबकि अधिसूचना के 60 दिन हो गाये है, जो कि शर्मनाक है। अमित ने कहा कि हम संघर्ष नहीं चाहते लेकिन स्थानीय प्रशासन को अपनी मनमानी से बाज आ कानूनी प्रकिया का पालन करना होगा। अमित का कहना है कि उन्होंने स्थानीय प्रशासन की मनमानी पर कलेक्टर महोदय को जानकारी दी है, उन्होंने आशा व्यक्त की कि कलेक्टर काकी संवेदनशील है वह उक्त विषय को समझेंगे, साथ ही स्थानीय प्रशासन भी अपनी मनमानी में सुधार करेगा। अमित ने कहा कि ग्रामीणों के सामने एक बड़ा संकट है साथ ही इस पूरी परियोजना में बहुत बड़ा पर्यावरणीय नुकसान भी होने जा रहा है जिस दर्द को शासन-प्रशासन को समझना होगा। अमित का कहना है कि प्रशासन हमें मजबूर न करे हम संघर्ष नहीं चाहते हैं कानूनी प्रक्रिया अनुसार समस्या का समाधान चाहते हैं हमारा भरोसा है कि सरकार व प्रशासन लोकतांत्रिक प्रक्रिया अनुसार लोक भवनाओं का सम्मान करते हुए व्यवहार करेगी। 

दबी जबान से अधिकारियों का कहना है कि ग्राम सभा हो चुकी है जबकि इन गांवों के ग्राम पंचायत सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधयों तक को उक्त आशय की कोई जानकारी नहीं है। नैगुवा पंचायत के सरपंच रामदयाल आदिवासी का कहना है कि अभी गांव को कोई जानकारी नही है, अभी इस सम्बंध में कोई ग्रामसभा नही हुई यही सुकवहा सरपंच और कदवारा सरपंच भगवती अहिरवार का भी कहना है।

सामाजिक कार्यकर्ता डब्लू प्याशी, बहादुर आदिवासी, भगतराम तिवारी, भगवानदास राजगोंड, राकेश पटेल, राकेश तिवारी ने भी प्रभवितों को संबोधित करते हुए आशा व्यक्त की कि सरकार उनकी पीड़ा को समझेगी और समस्या का हल निकालेगी। कार्यक्रम में प्रभावित गांव से ब्रजलाल आदिवासी ब्रजपुरा, बाबू यादव, जमुना प्रसाद अहिरवार, धनुष आदिवासी घुघरी, तुलसी आदिवासी दौधन, उत्तम राजगोंड ककरा, दसरथ यादव कदवारा, सुरेश नैगुवा, पन्नू आदिवासी, हनुमत आदिवासी पाठपुर, संतोष यादव शहपुरा, लक्ष्मीकांत कुड़ेरिया, अखिलेश आदिवासी वसुधा, रामदयाल यादव कदवारा, फेरा, गोपाल, विहारी, गौतम संतोष गुप्ता, मुन्ना बंजारा डुगरिया, रामदयाल यादव, गोविंद यादव, राहुल अहिरवार. अजय कुमार.शिवम बंजारा.बाबू यादव. उमेश यादव.राकेश पाल.गेंदालाल पाल.मनोज.प्रमोद.मुकेश.सुंदर सिंह.रामकिशन.अट्टू.हनुमद.दीपक.बाबू.दयाराम





लोक समीक्षा न्यूज 

ब्यूरो छतरपुर



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